दुनिया के राज्य का मोल। गुरु से गुरु की ही मांग कीजिये , कियुंकी जब वह आपको यह बख्शिश कर देते है तो फिर उनके साथ ही सारी चीजे मिल जाती है ।
इब्राहिम अधम ने कुछ वर्ष अपने सतगुरु कबीर साहिब के चरणों में रह कर सेवा की और फिर उनका आशीर्वाद प्राप्त करके उनकी आज्ञा लेकर आप बुखारा आगये , परन्त्तु वह बादसाह् नहीं फ़क़ीर के तोर पर लौटे थे ।
इब्राहिम अधम ने कुछ वर्ष अपने सतगुरु कबीर साहिब के चरणों में रह कर सेवा की और फिर उनका आशीर्वाद प्राप्त करके उनकी आज्ञा लेकर आप बुखारा आगये , परन्त्तु वह बादसाह् नहीं फ़क़ीर के तोर पर लौटे थे ।
एक दी बादसाह् दजला नदी के किनारे बैठा गुदड़ी सी रहा था । उसका वजीर शिकार खेलता खेलता उधर आ निकला। अब बारह साल में शकल बदल जाती है। कन्हा बादशाही पोशाक , कन्हा फकीरी लिबास ! तो भी वजीर ने उसे पहचान लिया ओर पूछा ‘ आप बादशाह एब्राहिम अधम हो ? जवाब मिला
हॉँ ,। वजीर बोल्ला कि देखो , में आपका वजीर हूं। आपके जाने के बाद मैंने आपके बच्चों को तालीम दी। शश्त्र- विद्या सिखाई ,पर कितना अच्छा हो की आप अब फिर मेरे बादसाह् हों ओर मैं आपका वजीर ।
हॉँ ,। वजीर बोल्ला कि देखो , में आपका वजीर हूं। आपके जाने के बाद मैंने आपके बच्चों को तालीम दी। शश्त्र- विद्या सिखाई ,पर कितना अच्छा हो की आप अब फिर मेरे बादसाह् हों ओर मैं आपका वजीर ।
यह सुन कर इब्राहिम अधम ने जिस सुई से वह गुदड़ी सी रहा था , वह सुई नदी मैं फेंक दी ओर कहा की पहले मरी सुई ला दो , फिर में तुम्हे जवाब दूंगा। वजीर कहने लगा की मुझे आधे घंटे कि मोहलत दे दो , में आपको ऐसी लाख सुईयां ला दूंगा । बादशाह ने कहा कि नहीं मुझे तो वाही सुई चाहिए ।
वजीर ने कहा “यह तो ना मुमकिन है । इतना गहरा पानी बाह रहा है ,वह सुई नहीं मिल सकती । बादशाह बोला की तुम कुछ नहीं कर सकते और वंही बैठे तवजुह दी । एक मछली सूई मुंह में ऊपर ले कर आई ,इब्राहिम अधम ने कहा मुझे तुमाहरी उस बाद शाही को लेकर क्या करना है ! में अब उस बादशाह का नोकर हो गया हु जिसके अधीन सारे खंड – ब्रह्मण्ड , कुल कायनात हैं ।
अब में वह नहीं ,जो पहले था । अब मुझे उन ब्रह्मांडो का अनुभव हो गया है ,जिसके बारे में सोचा भी नहीं जा सकता है ।
जैसे वह सुई तुम मुझे वापस नहीं लाकर नहीं दे सकते , ऐसे ही तुम उस बादशाह को मुझ में नहीं पा सकते ।
जैसे वह सुई तुम मुझे वापस नहीं लाकर नहीं दे सकते , ऐसे ही तुम उस बादशाह को मुझ में नहीं पा सकते ।
जाओ , अब मेरे लड़के जाने या तू जान । नाम एक अमूलय वसतु है । संतो के पास नाम की दौलत होती है ,इस लिए
वे सांसारिक पदार्थो से अनासक्त होते है ।
वे सांसारिक पदार्थो से अनासक्त होते है ।
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