Wednesday, 28 February 2018

010 - क्या आप नर्क की अग्नि से बचना है ?




फरीद जी परमात्मा के सम्पूर्ण भक्त थे। आप चौबीस (24) घण्टे ही बँदगी करते रहते। फरीद जी फरमाते हैं कि रातें बहुत लम्बी हैं, यदि भजन बँदगी न करें तो रात बीतती नहीं। शरीर थक जाता है और पसलियाँ जकड़ जाती हैं। इधर उधर पलट-पलटकर रात्री के बीतने और सूर्य उदय की प्रतीक्षा की जाती है। उनका जीवन धिक्कार योग्य है जो स्वयँ कुछ नहीं करते और बेगानी आस ऊपर जीते हैं।

Friday, 16 February 2018

009 - किस वजह से ये इंसान आज बहुत कुछ भुगत रहा ?




एक भक्त ईश्वर से: -  "मुझे जीवन भर सुखशांति चाहिये।"
ईश्वर ने तुरंत हां कर दी।

भक्त......"मुझे परिवार का भी जिंदगी भर सुख चैन चाहिये"।
ईश्वर ने तुरंत हां कर दी।

फिर भक्त..."मुझे अपने रिश्तेदारों की भी सलामती चाहिये।"
ईश्ववर ने हां कर दी।

Friday, 9 February 2018

008 - हम सतगुरु की नाम रूपी कृपा ओर दया की कदर क्यों नहीं करते ?

एक बच्चा जब 13 साल का हुआ तो उसके पिता ने उसे एक पुराना कपड़ा देकर उसकी कीमत पूछी। बच्चा बोला 100 रु। तो पिता ने कहा कि इसे बेचकर दो सौ रु लेकर आओ। बच्चे ने उस कपड़े को अच्छे से साफ़ कर धोया और अच्छे से उस कपड़े को फोल्ड लगाकर रख दिया। अगले दिन उसे लेकर वह रेलवे स्टेशन गया, जहां कई घंटों की मेहनत के बाद वह कपड़ा दो सौ रु में बिका।

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