Wednesday, 7 March 2018

011 - सतगुरु शिष्य की सम्भाल कैसे करते है ?

बड़े हजूर बाबा सावन सिंह जी महराज फरमाया करते थे कि , पूरन सतगुरु नाम दान के दिन से ही शिष्य की सम्भाल करने लगता है। वह एक तरह से शिष्य की साँस बन जाता है। वह फरमाया करते थे गुरु जब नाम देता है, तो शिष्य के अंदर ही बैठता है ।

उसी पल से वह उसे आदर्श इंसान बनाने के लिये उस से प्रेम करना शुरू कर देता है और उसकी तब तक संभाल करता है, जब तक कि वह उसे प्रभु की गोद में नहीं पहुंचा देता। उसे वह उस वक्त तक एक पल के लिए भी नहीं छोड़ता दया का भण्डार होने के कारण ही वह अपनी दया से उसे अपना रूहानी जीवन –दान दे कर पालता है। आपको चाहिए की आप उस पर भरोसा बनाये रखें और उसका हुक़्म माने ,बाकी उसका काम है।.

1 comment:

  1. Yes we need to focus on simran and rest will be taken care by Satguru

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