Wednesday, 5 September 2018

034 - असली सत्संगी कोन है ?


हम सब यहॉ अपने पुराने कर्मों की वजह से ही इकठे हुए हैं. हर किसी का किसी से कुछ लेनदेन है.
अगर कोई हमें दुख देता है तो वो भी हमसे हमारे पिछले कर्मों का हिसाब ही ले रहा है. और ये तो बहुत अच्छी बात है कि हम अपना हिसाब इसी जन्म में ही पूरा करके चुका दें ताकि दुबारा हमें न आना पड़े.

हम सत्संगीयों (जिन पर सतगुरु की बक्षिश हुई हो) पर मालिक की अति महिर है कि वे हम पर दया करके सूली से छूल की सज़ा दिलवा रहे हैं.

चाहे हम सभी यहां सत्संगी ही क्यों न हो, पर जरुरी नहीं कि जो सेवा करे, सत्संग सुने वही सत्संगी हैं.

असली सत्संगी तो वो हैं जिसने अंतर में शब्द से लिव जोड़ दी हो, बाकी तो हम सारे ही सत्संगी होने की तैयारी में ही लगे पड़े हैं.

जो सच्चा मालिक का प्यारा होता है, जो सच्चा आशिक़ होता है उसे ही लोग पागल या दीवाना कहते हैं.
वो कहीं भी हो उसे तो हर जीव में मालिक का ही नूर दिखाई देता है, चाहे वो कोई दुश्मन ही क्यों ना हो उसमें भी मालिक का ही नूर दिखाई देता है.

अगर हम मालिक की रज़ा में रहें तो हम विचार करें जब मालिक हमें दुश्मन के अंदर दिखे तो क्या वो हमारा बुरा कर सकता है?  नहीं ना!!
संतमत समझना हर किसी के बस की बात नहीं.

उसकी दीवानगी की कद्र लोग उसके जाने के बाद ही करते हैं.


मालिक ने सत्संगी उन्हें कहा जो लाेग मालिक की रजा में रहे मालिक की याद में रहें जो पल पल उस मालिक के नाम का सिमरन करें । जिसके दिल में मालिक की जगह हों। और जो दिन रात मालिक के प्यार के लिए तडपतें है । लेकिन मालिक की दी इतनी प्यारी सौगात काे हमने फिर एक टैग का नाम दे दिया और एक बार फिर हमने मालिक के दूसरें प्यारे लोगो को नॉन-सत्संगी का टैग लगा दिया । 


आखिर क्यों ? क्या वो जो लोग सत्संग में नहीं आते है मालिक के प्यारे नहीं है या वो लोग मालिक के घर से नहीं आये । जब वो मालिक खुद किसी के साथ भेदभाव नहीं करता तो हमे ये हक किसने दिया कि मालिक के और लोगो को हम अलग समझे । क्यों हम खुद में और उनमें फर्क करतें है । फर्क तो सिर्फ इतना हैा कि कुछ लोग अपनी गाडी का ड्राइवर खुद को समझते है । और कुछ लोगो की गाडी का ड्राइवर वो सतगुरू खुद बना है । पहले हम खुद से पूझे की क्या वाकई हम लोग सत्संगी है फिर और को ये लफज इस्तेमाल करें । समझने की बात है !


Please read this post on Android  mobile app  - Guru Gyan 

No comments:

Post a Comment

Popular Posts