Wednesday, 28 November 2018

रूहानी मार्ग की बातें - सिमरन भजन की बीमा पालिसी

1. थोडा थोडा किया भजन एक दिन बहुत ज्यादा बोनस के साथ हमें सतगुरू एक साथ देते है कतरे कतरे से तालाब और बूँद से सागर भरता है हम जो सेवा में मिटी की एक टोकरी उठाते है सतगुर हमें उसकी भी मजदूरी

Thursday, 22 November 2018

041 - ईश्वर को कहाँ खोजना चाहिए ?



 ईश्वर को ढूँढ़ने के लिए, उसे प्राप्त करने के लिए हम नाना प्रकार के प्रयत्न करते हैं, पर उसे नहीं पाते, कहते हैं कि वह सर्वत्र है, वह सब जगह हैं, पर फिर भी हमें क्यों नहीं दीखता ? 


उसे प्राप्त करने को धन, वैभव, जीवन तक नष्ट करते हैं, पर पाते नहीं, अन्त में निराश हो कहते हैं कि-ईश्वर नहीं हैं। भाई ईश्वर हैं! पर उसे खोजने में गलती कर रहे हो, हम उसे धन वैभव से नहीं पा सकते, अगर उसे पाना हैं

Tuesday, 13 November 2018

040 - हमे दुनिया को किस नज़र से देखना चाहिए ?



जो जैसा देखना चाहता है उसे दुनियां वैसी ही दिखायी देती है ! एक बार एक संत अपने शिष्यों के साथ नदी में स्नान कर रहे थे । तभी एक राहगीर वंहा से गुजरा तो महात्मा को नदी में नहाते देख वो उनसे कुछ पूछने के

Tuesday, 6 November 2018

039 - हमे संतोष कैसे आयेगा ?


एक समय की बात है शेख सादी कही जा रहे थे . सब जानते है के फकीरों के पास रूहानी धन के इलावा और कुछ नही होता है. दोपहर का समय था धुप बहुत तेज थी. शेख सादी धुप मे नंगे पाँव

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