1. ऐ मेरे मालिक - मैं बिलकुल नादान हूँ, मैं नहीं जानता कि तेरे से क्या मांगू ? जो तूं मेरे लिए उचित समझे, जो कुछ भी तूं मुझे दे या जहाँ पर तूं मुझे जैसे रखे , उस में मैं खुश रहूँ । मेरे में कोई गुण नहीं , कोई भक्ति नहीं , मेरे कर्म काले और पापों से भरे हुए हैं । मेरे अंदर कोई अच्छाई नहीं है , मन ने मेरे को बुरी तरह से कुचल रखा है ।
गुरुबॉक्स चैनल महान संतों और उनकी शिक्षाओं को समर्पित है। गुरुबॉक्स का लक्ष्य लोगों को अधिक भजन और सिमरन/ध्यान के लिए प्रेरित करना है।
Saturday, 26 October 2019
Sunday, 20 October 2019
073 - भगवान ने एक भक्त की रक्षा कैसे की ?
एक बुजुर्ग दरिया के किनारे पर जा रहे थे। एक जगह देखा कि दरिया की सतह से एक कछुआ निकला और पानी के किनारे पर आ गया। उसी किनारे से एक बड़े ही जहरीले बिच्छु ने दरिया के अन्दर छलांग लगाई और कछुए की पीठ पर सवार हो गया। कछुए ने तैरना शुरू कर दिया। वह बुजुर्ग बड़े हैरान हुए।
Tuesday, 15 October 2019
072 - सत्संग में जाने का क्या महत्व है ?
एक युवक प्रतिदिन संत का सत्संग सुनता था। एक दिन जब सत्संग समाप्त हो गया , तो वह संत के पास गया और बोला, ‘महाराज! मैं काफी दिनों से आपके सत्संग सुन रहा हूं, किंतु यहां से जाने के बाद मैं अपने
Friday, 4 October 2019
071 - एक रूहानी आत्मा का अंदरूनी सफर कैसा होता है ?
रुहानी आत्मा का सफर एक सतसगी ने अपने सतगुरु को पत्र भेजकर सांझा किया . वैसे तो आंतरिक अनुभव हमेशा निजी होते हैं परंतु भजन और सिमरन को प्रोत्साहित करने के लिए यह पत्र हम सत्संगिओ के लिए एक
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