Friday, 24 April 2020

094 - महात्मा ने एक शिष्य को कैसे समझाया ?

एक विद्वान महात्मा थे। जब वह बूढ़े होने लगे तो उन्होंने  सोचा कि वे गुप्त विद्याएँ,जिन्हें सिर्फ वही जानते है ,कुछ भरोसेमंद शिष्यों को सिखा देनी चाहिए। उन्हीं गुप्त विद्याओं में से एक थी लोहे से सोना बनाने की विद्या।

Friday, 10 April 2020

093 - असली आराधना क्या है ?

एक बार श्री गुरु नानक देव जी के पास एक नवाब और काजी आये ! उन्होंने आकर गुरु जी से कहा - आप कहते है ना कि ना कोई हिन्दु और ना मुसलमान ; सब कुदरत के बन्दे हैं अगर आप यही मानते है कि ईश्वर

Friday, 3 April 2020

092 - संत कर्म-बंधन कैसे काटते हैं ?

एक बार दशम पातशाही श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी का दरबार सजा हुआ था। कर्म-फल के प्रसंग पर पावन वचन हो रहे थे कि जिसकी जो प्रारब्ध है उसे वही प्राप्त होता है कम या अधिक किसी को प्राप्त नहीं होता क्योंकि

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