मालिक हमसे ज्यादा दूर नहीं जितना हम समझ कर बैठे है। मालिक तो हमेशा हमारे साथ ही है लेकिन हम उसे नहीं देख पाते लेकिन मालिक हमें चौबीस घंटे देख रहा हैं
सत्संगी हमेशा यह बात मन में रखे कि परमात्मा हमें देख रहा हैं इससे मन में निम्रता आयेगी और जहाँ निम्रता आयेगी वहाँ मालिक होगा और सिमरन भजन में हमें बहुत मदद मिलेगी, सतगुरु जी की भी खुशीं हासिल होगी और हमारा अगले घर सचखंड जाने का रास्ता भी साफ होगा, इतना आसान काम भी अगर हम नहीं कर सकते तो इंसानी चौला भी यूहीं व्यर्थ कर बैठेंगे ।
चौरासी लाख जुनियो के बाद जो हमें इंसानी चौला मिला यह मालिक की भक्ति के लिए है इसलिए सिमरन-भजन कर बन्दे सिमरन-भजन हमें आप ही करना पड़ेगा यह हमारे लिए कोई और नहीं कर सकता.
बाबा जेमल सिंह महाराज जी के अनमोल वचन यह शरीर मिला है - खूब मन लगाकर भक्ति कीजिए.
संतों महात्माओं की यही विशेषता है कि उनका जीवन हमेशा दूसरे के भले के लिए ही होता है, वह परमार्थ के कारण अपने ऊपर ढेरों दुख सहन करते हैं उनके ह्रदय में एक ही परम उद्देश्य होता है इंसानियत की भलाई मनुष्य का भला इंसान का भला यह तभी संभव है जब हम भजन सीमरन लगातार करेंगे हुक्म में रहेंगे यह करनी का मार्ग है, गला बाता नाल कुछ नहीं जिने मर्जी मेसेज करदे रहीये कुछ नहीं होना सिर्फ़ भजन सीमरन करना ही पड़ेगा.
शब्द धुन की कमाई नानक के घर केवल नाम निधान.
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