बाहर वाले गुरु देखे , अब अपने अन्दर वाला सच्चा गुरु भी देख।
बाहर वाले ठाकुर देखे , अब अपने अन्दर वाला सच्चा ठाकुर भी देख।
बाहर वाले मंदिर देखे , अब अपने अन्दर वाला सच्चा मंदिर भी देख।
बाहर वाले शास्त्र पढ़े , अब अपने अन्दर वाला सच्चा शास्त्र भी पढ़।
बाहर वाले शब्द सुने , अब अपने अन्दर वाला सच्चा शब्द भी सुन ।
बाहर वाली वाणी पढ़ी, अब अपने अन्दर वाली सच्ची वाणी भी पढ़।
बाहर वाले नाम जपे, अब अपने अन्दर वाले सच्चे नाम का भी ख्याल कर जो अपने आप जपा जा रहा है।
बाहर वाले कीर्तन सुने , अब अपने अन्दर वाला सच्चा कीर्तन भी सुन ।
बाहर वाले किताबी ज्ञान प्रापत किये , अब अपने अन्दर वाला सच्चा ज्ञान भी प्रापत कर।
बाहर वाले अमृत खाये और पिए , अब अपने अन्दर वाला सच्चा अमृत भी पी ।
बाहर वाले तीर्थों पर नहाये , अब अपने अन्दर वाले सच्चे तीर्थ पर भी नहा ।
बाहर वाली फिरका परसती भक्ति की , अब अपने अन्दर वाली सच्ची प्रेम भक्ति भी कर।
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