Friday, 15 January 2021

128 - भजन सिमरन में बैठने का सही तरीका क्या है ?

 जब मालिक के भजन सिमरन में बैठते है तो हमे अपनी पूरी सुरति उनके दिव्य दर्शन पर केंद्रित करनी चाहिए । हम भजन में बैठे कर, करबद्ध हो कर मालिक का नैन मूँद कर आवाहन करते है और वह आ

कर हमारें मस्तक पर विराजमान होते है।  

ऐसे में हमारी सुरति कहीं भटकती है तो उसको एकाग्र करने का प्रयत्न करना होगा क्योंकि हीरा छोड़ कर कंकर की तरफ धयान नहीं होना चाहिये। धीरे धीरे सुरती की और मालिक की दोस्ती हो जाती है और आपका सिमरन इतना गहरा हो जाता है कि आप इस नश्वर संसार में अपना अस्तित्व भूल जाते हो।

भजन सिमरन में बहुत गहराइ की जरुरत है सिर्फ नियम में बंधने की नहीं, फिर दिन रात का प्रत्येक क्षण मालिक की बंदगी के लिए कम और अधूरा है.  

तेरी इस असार दुनिया का क्या करूँ ? मालिक जिसमे तेरे दर्शन दीदार नाम का सार नहीं.  

मुझे दे दे बंदगी की वह खिदमत जिसमे सिर्फ तू ही तू हो , इस झूठी दुनिया का हिसाब नहीं।.


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