गुरुबॉक्स चैनल महान संतों और उनकी शिक्षाओं को समर्पित है। गुरुबॉक्स का लक्ष्य लोगों को अधिक भजन और सिमरन/ध्यान के लिए प्रेरित करना है।
Thursday, 7 June 2018
024 - मालिक की प्लानिंग का क्या पता ?
पलटू अटक न कीजिए चौरासी घर फेर। बड़ी मुश्किल से आदमी हुए हो बड़ी मुश्किल से!
चौरासी कोटि योनियों के चक्कर काटते—काटते यह असंभव घटा है कि मनुष्य हुए हो। कितने तड़फे होओगे, मनुष्य होने के लिए कितनी—कितनी आकांक्षाएं, अभीप्साएं न की होंगी , कितनी प्रार्थनाएं न की होंगी!
Friday, 1 June 2018
Friday, 25 May 2018
022 - अनजाने में हम पाप कर्म कैसे करते हैं ?
एक राजा ब्राह्मणों को लंगर में महल के आँगन में भोजन करा रहा था । राजा का रसोईया खुले आँगन में भोजन पका रहा था । उसी समय एक चील अपने पंजे में एक जिंदा साँप को लेकर राजा के महल के उपर से गुजरी । तब पँजों में दबे साँप ने अपनी आत्म-रक्षा में चील से
Thursday, 17 May 2018
021 - हमारे विचार कर्मो को कैसे प्रभावित करते हैं ?
बुद्ध ने कहा- "मैं तुम्हें एक कहानी सुनाता हूँ।"
एक राजा हाथी पर बैठकर अपने राज्य का भ्रमण कर रहा था।अचानक वह एक दुकान के सामने रुका और अपने मंत्री से कहा- "मुझे नहीं पता क्यों, पर मैं इस दुकान के स्वामी को फाँसी देना चाहता हूँ।" यह सुनकर
Thursday, 10 May 2018
020 - क्रोध में रूह कैसे फैलती है ?
क्रोध में रूह फैलती है। जब क्रोध करो, आँखे लाल सुर्ख़ हो जाती हैं। रोम-रोम खड़ा हो जाता है, चेहरा और ही हो जाता है। यहाँ तक कि आदमी अक़्ल से बेबहरा हो जाता है यानी संतुलन खो बैठता है।
Friday, 4 May 2018
019 - हमे कोनसे लोगो की संगत करनी चाहिए ?
परमात्मा अंग संग है रग-रग की जानता है . उन्हे धोखा मत दो गुरूमुखो की संगती करो ताकि यह मन काबू मे आ जाये काम,क्रोध,लोभ,मोह,अंहकार से ऊपर उठ सको. यह मन जो नित नई ख्वाईशे रखता है एक प्रभु को
Saturday, 28 April 2018
018 - हमें अपनी करनी का फल क्यों नहीं माँगना चाहिए ?
एक साधु एक शिला (यानी पत्थर) पर बैठा तपस्या कर रहा था। उस साधू ने उस एक पत्थर पर 100 साल तपस्या की। एक दिन जब साधु तपस्या मे बैठा था तब आकाशवाणी हुई की हे साधु हम खुश हैं, मांगो क्या
Thursday, 19 April 2018
Friday, 13 April 2018
016 - गुरु और भगवान में क्या अंतर है
एक आदमी के घर भगवान और गुरु दोनो पहुंच गये। वह बाहर आया और चरणों में गिरने लगा। वह भगवान के चरणों में गिरा तो भगवान बोले– रुको रुको पहले गुरु के चरणों में जाओ। वह दौड़ कर गुरु के चरणों में गया।
Friday, 6 April 2018
015 - हमे कोन से महात्मा के दर्शन करने चाहिए ?
एक बार का ज़िक्र है, एक महात्मा ने कुछ भजन-बन्दगी की। एक दिन भजन-बंदगी के बाद उसने घोषणा की कि जो मेरे दर्शन करेगा वह सीधा स्वर्ग जायेगा। वह पालकी में बैठकर जा रहा था और स्वर्ग के इच्छुक बेशुमार
Sunday, 1 April 2018
014 - सतगुरु और परमात्मा में क्या फ़र्क है ?
सतगुरु की महिमा लग्गियाँ ने मौजां ! सदा लाई रक्खीं सोहनेयाँ !! चंगे हां या मंदे हां निभाई रक्खीं सोहनेयाँ !!
सतगुरु और परमात्मा एक ही है । गुरु परमेश्वर एको जान ।
नानक जी ने कितने साफ़ और सुन्दर लफ्जो में फ़रमाया की सतगुरु और परमात्मा एक ही है दोनों में कोई फर्क नही हैं। साथ में ये भी बताया की गुरु कौन सा ? दुनिया में बहुत सारे गुरुओं की भरमार हैं। बचपन में माँ बाप विद्यालय में शिक्षक और भी दुनिया में और भी
Thursday, 22 March 2018
013 - एक बहरे आदमी ने सत्संग से लाभ कैसे उठया ?
एक बहरे आदमी ने सत्संग से लाभ कैसे उठया ?
एक संत के पास बहरा आदमी सत्संग सुनने आता था। उसके कान तो थे पर वे नाड़ियों से जुड़े नहीं थे। एकदम बहरा, एक शब्द भी सुन नहीं सकता था। किसी ने संत श्री से कहाः "बाबा जी ! वे जो वृद्ध बैठे हैं, वे कथा सुनते सुनते हँसते तो हैं पर वे बहरे हैं।" बहरे मुख्यतः दो बार हँसते हैं – एक तो कथा सुनते-सुनते जब सभी हँसते हैं
Saturday, 10 March 2018
012 - अंतर में कुछ सुनाई या दिखाई क्यों नहीं देता है ?
1 - कोई लोग भजन में रस न मिलने की शिकायत करते हैं या यह कि अंतर में उनको कुछ नहीं खुला। इसका सबब यह है कि या तो उनका मन वक्त अभ्यास के संसारी चाहों या कामों की गुनावन या ख्याल में लगा रहता है या संसारी काम या उनकी गुनावन करके अभ्यास में बैठते है या उनको जो कुछ अंतर में सुनाई या दिखाई देता है, उसकी उनको पहिचान और कदर नहीं है।
Wednesday, 7 March 2018
011 - सतगुरु शिष्य की सम्भाल कैसे करते है ?
बड़े हजूर बाबा सावन सिंह जी महराज फरमाया करते थे कि , पूरन सतगुरु नाम दान के दिन से ही शिष्य की सम्भाल करने लगता है। वह एक तरह से शिष्य की साँस बन जाता है। वह फरमाया करते थे गुरु जब नाम देता है, तो शिष्य के अंदर ही बैठता है ।
Wednesday, 28 February 2018
010 - क्या आप नर्क की अग्नि से बचना है ?
Friday, 16 February 2018
009 - किस वजह से ये इंसान आज बहुत कुछ भुगत रहा ?
एक भक्त ईश्वर से: - "मुझे जीवन भर सुखशांति चाहिये।"
ईश्वर ने तुरंत हां कर दी।
भक्त......"मुझे परिवार का भी जिंदगी भर सुख चैन चाहिये"।
ईश्वर ने तुरंत हां कर दी।
फिर भक्त..."मुझे अपने रिश्तेदारों की भी सलामती चाहिये।"
ईश्ववर ने हां कर दी।
Friday, 9 February 2018
008 - हम सतगुरु की नाम रूपी कृपा ओर दया की कदर क्यों नहीं करते ?
एक बच्चा जब 13 साल का हुआ तो उसके पिता ने उसे एक पुराना कपड़ा देकर उसकी कीमत पूछी। बच्चा बोला 100 रु। तो पिता ने कहा कि इसे बेचकर दो सौ रु लेकर आओ। बच्चे ने उस कपड़े को अच्छे से साफ़ कर धोया और अच्छे से उस कपड़े को फोल्ड लगाकर रख दिया। अगले दिन उसे लेकर वह रेलवे स्टेशन गया, जहां कई घंटों की मेहनत के बाद वह कपड़ा दो सौ रु में बिका।
Wednesday, 31 January 2018
007 - सिमरन और ध्यान कैसे करना चाहिए ?
- कभी रात को नींद खुल जाए तो,बिस्तर पर पड़े हुए नींद न आने के लिए परेशान मत होओ, इस सुनहरे मौके को मत गँवाओ, यह तो बड़ी शुभ घड़ी है।
- सारा जगत सोया है,पत्नी-बच्चे, सब सोए हैं, प्रभु ने एक मौका दिया है।
- आराम से चुपचाप बैठ जाओ अपने बिस्तर में ही, रात के सन्नाटे में प्यार से पहले सिमरन करो फिर धुन को सुनो; ये बोलते हुए झींगुर, यह रात की ख़ामोशी, सारा सँसार सोया हुआ
Monday, 29 January 2018
006 - तभी हम तीसरे तिल पर कैसे पहुँचेंगे ?
जिस पल हम भजन-सुमिरन का अभ्यास शुरू करते हैं, उसी पल से संतों के बताए मार्ग पर चलना शुरू कर देते हैं। उसी पल से हमारी सारी धारणाएँ पीछे रह जाती हैं। और अनुभव होना शुरू हो जाता है।
Friday, 1 December 2017
005 - हमे गुरू की आवश्यकता क्यों है ?
उन्नीसवीं सदी से पहले हर किसी के लिए गुरू बनाना जरूरी समझा जाता था। जो गुरू ना धारण करे वो निगुरा होता और उसके हाथ से दान कोई नहीं लेता, निगुरे के हाथों कोई पानी नहीं पीता था।
कबीर जी राम नाम के सिमरन में तो लग गए परन्तु अभी तक उन्होंने भजन और विद्या का गुरू किसी को
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सत्संग तो वो दर्पण है जो मनुष्य के चरित्र को दिखाता है मनुष्य के जीवन मे अशांति ,परेशानियां तब शुरु हो जाती है जब मनुष्य के जीवन मे ...
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किसी गाँव में एक ताले की दुकान थी, ताले वाला रोजाना अनेकों ताले तोडा करता और अनेकों चाबियाँ भी बनाया करता था।ताले वाले की दुकान में एक बच्चा...
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1. जो व्यक्ति लगातार अंदर सिमरन - अभ्यास करते रहने की आदत डाल लेता है , उसे बड़ा सुकून मिलता है और उसे लगातार सिमरन कर...
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एक फकीर अरब मे हज के लिए पैदल निकला। रात हो जाने पर एक गांव मे शाकिर नामक व्यक्ति के दरवाजे पर रूका। शाकिर ने फकीर की खूब सेवा किया।...