- गुरु नानक देव जी का मानना था कि भगवान एक है और वह हर जगह विघमान हैं।
- गुरु नानक देव जी कहते थे कि हमें हमेशा लोभ का त्याग करना चाहिए और मेहनत से धन कमाना चाहिए।
गुरुबॉक्स चैनल महान संतों और उनकी शिक्षाओं को समर्पित है। गुरुबॉक्स का लक्ष्य लोगों को अधिक भजन और सिमरन/ध्यान के लिए प्रेरित करना है।
Sunday, 17 November 2019
076 - गुरु नानक देव जी के अनमोल विचार
Saturday, 9 November 2019
075 - हमे देहधारी सतगुरु क्यों जरूरत होती है ?
"यदि परमात्मा की दया न होती तो हमें उससे बिछड़ने का दुख महसूस न होता और न ही वापस अपने असली घर जाने की इच्छा पैदा होती। उस कुलमालिक की कृपा के बिना न तो हमारा सतगुरु से मिलाप हो सकता है और न
Saturday, 2 November 2019
074 - कर्मो का खेल कैसे काम करता है ?
एक बार एक गरीब लकड़हारा सूखी लकडि़यों की तलाश में जंगल में भटक रहा था। साथ में बोझा ढोने के लिये उसका गधा भी था। लकडि़याँ बटोरते-बटोरते उसे पता ही नहीं चला कि दिन कब ढल गया। शाम का
Saturday, 26 October 2019
रूहानी मार्ग की बातें - पाँचो चोरो पर विजय प्राप्त कर ली
1. ऐ मेरे मालिक - मैं बिलकुल नादान हूँ, मैं नहीं जानता कि तेरे से क्या मांगू ? जो तूं मेरे लिए उचित समझे, जो कुछ भी तूं मुझे दे या जहाँ पर तूं मुझे जैसे रखे , उस में मैं खुश रहूँ । मेरे में कोई गुण नहीं , कोई भक्ति नहीं , मेरे कर्म काले और पापों से भरे हुए हैं । मेरे अंदर कोई अच्छाई नहीं है , मन ने मेरे को बुरी तरह से कुचल रखा है ।
Sunday, 20 October 2019
073 - भगवान ने एक भक्त की रक्षा कैसे की ?
एक बुजुर्ग दरिया के किनारे पर जा रहे थे। एक जगह देखा कि दरिया की सतह से एक कछुआ निकला और पानी के किनारे पर आ गया। उसी किनारे से एक बड़े ही जहरीले बिच्छु ने दरिया के अन्दर छलांग लगाई और कछुए की पीठ पर सवार हो गया। कछुए ने तैरना शुरू कर दिया। वह बुजुर्ग बड़े हैरान हुए।
Tuesday, 15 October 2019
072 - सत्संग में जाने का क्या महत्व है ?
एक युवक प्रतिदिन संत का सत्संग सुनता था। एक दिन जब सत्संग समाप्त हो गया , तो वह संत के पास गया और बोला, ‘महाराज! मैं काफी दिनों से आपके सत्संग सुन रहा हूं, किंतु यहां से जाने के बाद मैं अपने
Friday, 4 October 2019
071 - एक रूहानी आत्मा का अंदरूनी सफर कैसा होता है ?
रुहानी आत्मा का सफर एक सतसगी ने अपने सतगुरु को पत्र भेजकर सांझा किया . वैसे तो आंतरिक अनुभव हमेशा निजी होते हैं परंतु भजन और सिमरन को प्रोत्साहित करने के लिए यह पत्र हम सत्संगिओ के लिए एक
Saturday, 28 September 2019
070 - गुरु बिन गति नहीं
मैकेनिक के, हलवाई के या फिर और भी ना जाने किनके-किनके आते हैं, लेकिन वो किसी से भी उनकी जात
Thursday, 19 September 2019
रूहानी मार्ग की बातें - सत्संगी किसे कहा जाये ?
1. 'पूर्ण महात्मा' या 'सच्चे-सँत' हमेँ परमात्मा के साथ मिलाने के लिये आते हैँ. वे इच्छाओँ से मुक्त होते हैं, और हमेँ अपने जैसा ही बना लेते हैँ ! कबीर साहिब कहते हैँ :-
Friday, 13 September 2019
069 - राजा पीपा को रूहानी ज्ञान कैसे हुआ ?
राजा पीपा जी का नाम आप सभी सुना ही होगा. ये एक राजा थे जो बाद में उच्च कोटि के महात्मा बन कर उभरे. राजा पीपा जी को अध्यात्म में गहरी रूचि थी.
Friday, 6 September 2019
068 - संत के चौला छोड़ने के बाद शिष्य की देखभाल कौन करता है ?
परम संत सावन सिंह कहते हैं कि इस संसार में प्रत्येक व्यक्ति को अपने पिछले जन्मों के इकट्ठे किए हुए कर्मों का भारी बोझ भुगतना पड़ता है और जो कोई भी बिना हुक्म से नामदान देने की जिम्मेदारी लेता है उसे अपने
Monday, 2 September 2019
067 - फिर कभी मरेगा ही नही सिर्फ शरीर बदलेगा
ऐसा कहते हैं कि नानक देव जी जब आठ वर्ष के थे तब पहली बार अपने घर से अकेले निकल पड़े, सब घर वाले और पूरा गाँव चिंतित हो गया तब शाम को किसी ने नानक के पिता श्री कालू मेहता को खबर दी कि
Thursday, 22 August 2019
066 - जीवन का एक अटल सत्य क्या है ?
एक चतुर व्यक्ति को काल से बहुत डर लगता था. एक दिन उसे चतुराई सूझी और काल को अपना मित्र बना लिया.
Friday, 16 August 2019
रूहानी मार्ग की बातें - भजन सिमरन करते रहने से ...
1. हम एक दूसरे के साथ कर्मों की डोरी से बँधे हुए हैं, हम अपने कर्मों के लेन-देन का हिसाब पूरा करने के लिए ही यहां आते हैं। संसार में कोई माँ-बाप और औलाद बनकर आ जाता है, कोई यार-दोस्त और रिश्तेदार बनकर आ जाता है। लेकिन जैसे-जैसे इस जन्म में प्रारब्ध कर्मों का का हिसाब-किताब ख़त्म हो जाता है, हम
Friday, 9 August 2019
065 - सेवा का लाभ कैसे होता है ?
हमारे कर्म कितने गहरे हैं यह हम नही जानते। कई ऐसे छोटे छोटे कर्म भी होते हैं जिनके भुगतान के लिये हमें दुबारा इस संसार में आना पड़े। पर सतगुरु नही चाहते कि हम यहां इन छोटे छोटे कर्मों की वजह से यहां आयें इसिलिये ही सतगुरु हमसे सेवा करवा कर इन कर्मों का भुगतान करवा देते हैं।
Saturday, 3 August 2019
Thursday, 25 July 2019
063 - मरे हुए जिंदा आदमी के क्या लक्षण है ?
यदि भीतर की घड़ी, भीतर का समय विचार से भरा हो, वासना से भरा हो, कामना से भरा हो, तो व्यक्ति मरकर वापस लौट आता है। लेकिन भीतर का समय यदि बिलकुल शुद्ध हो, सिर्फ समय हो, कोई विचार नहीं, कोई कामना नहीं, कोई तृष्णा का सूत्र नहीं, शुद्ध क्षण हो समय का, जैसे निश्छल पानी हो, जरा भी कुछ और अशुद्धि
Monday, 15 July 2019
062 - बच्चे से पूछा गया कि तुम्हारी आखिरी इच्छा क्या है ?
एक राजा बहुत दिनों से पुत्र की प्राप्ति के लिए आशा लगाए बैठा था लेकिन पुत्र नहीं हुआ, उसके सलाहकारों ने तांत्रिकों से सहयोग लेने को कहा -
Thursday, 4 July 2019
रूहानी मार्ग की बातें - काश की मेरे ऊपर भी इतनी दया-महर हो जाये
1. जो व्यक्ति लगातार अंदर सिमरन-अभ्यास करते रहने की आदत डाल लेता है, उसे बड़ा सुकून मिलता है और उसे लगातार सिमरन करते रहने की इतनी जबरदस्त आवश्यकता महसूस होती है कि वो इसके बिना रह
Thursday, 27 June 2019
061 - सोचो कि यह शरीर मिला किस लिए है ?
लाहौर में लाहौरी और शाहआलमी दरवाजों के बाहर कभी एक बाग़ था। वहाँ एक फ़क़ीर था। उसके दोनों बाज़ू नहीं थे। उस बाग़ में मच्छर भी बहुत होते थे। मैंने कई बार देखा उस फ़क़ीर को। आवाज़
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मै बहादुर चंद (वकील) सुपुत्र श्री मनी राम जी बिश्नोई (सिहाग) माता श्रीमती मनोहरी देवी गाँव चौटाला तहसील मंडी डबवाली जिला सिरसा(ह...
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सत्संग तो वो दर्पण है जो मनुष्य के चरित्र को दिखाता है मनुष्य के जीवन मे अशांति ,परेशानियां तब शुरु हो जाती है जब मनुष्य के जीवन मे ...
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एक आदमी के घर भगवान और गुरु दोनो पहुंच गये। वह बाहर आया और चरणों में गिरने लगा। वह भगवान के चरणों में गिरा तो भगवान बोले – रुको रुको पह...
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एक बार किसी ने कबीर जी से पूछा किसको भज रहे हो जी? कबीर जी ने कहा " राम जी को" फिर उसने पूछा "कौन से राम जी को ?
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किसी व्यक्ति को बहुत जोरो की प्यास लगी हो वह प्यास के मारे तड़प रहा हो उसे पानी न मिल रहा हो अन्य तमाम प्रकार के पेय पदार्थ उसे पिलाये जा...
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किसी गाँव में एक ताले की दुकान थी, ताले वाला रोजाना अनेकों ताले तोडा करता और अनेकों चाबियाँ भी बनाया करता था।ताले वाले की दुकान में एक बच्चा...
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1. जो व्यक्ति लगातार अंदर सिमरन - अभ्यास करते रहने की आदत डाल लेता है , उसे बड़ा सुकून मिलता है और उसे लगातार सिमरन कर...
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एक फकीर अरब मे हज के लिए पैदल निकला। रात हो जाने पर एक गांव मे शाकिर नामक व्यक्ति के दरवाजे पर रूका। शाकिर ने फकीर की खूब सेवा किया।...