1. जीवन में सफलता मिल रही है अथवा नहीं ? इस बात का कैसे पता लगाया जाए ?
इस प्रश्न का उत्तर है कि - सबसे पहले तो यह समझ लें, कि सफलता है क्या ?
गुरुबॉक्स चैनल महान संतों और उनकी शिक्षाओं को समर्पित है। गुरुबॉक्स का लक्ष्य लोगों को अधिक भजन और सिमरन/ध्यान के लिए प्रेरित करना है।
Saturday, 14 March 2020
Saturday, 7 March 2020
089 - आज ही क्यों नहीं ?
एक बार की बात है कि एक शिष्य अपने गुरु का बहुत आदर-सम्मान किया करता था |गुरु भी अपने इस शिष्य से बहुत स्नेह करते थे लेकिन वह शिष्य अपने अध्ययन के प्रति आलसी और स्वभाव से दीर्घसूत्री था | सदा
Friday, 28 February 2020
088 - एक सत्संगी के कोन से चार रतन हैं ?
तुम्हारे लिए कोई कुछ भी कहे, तुम उसकी बात को कभी अपने मन में न बिठाना, और ना ही उसके लिए कभी प्रतिकार की भावना मन में रखना, बल्कि उसे माफ़ कर देना।
Friday, 21 February 2020
087 - गुरमुख और मनमुख में क्या अन्तर होता है ?
एक दिन कुला, भुला और भागीरथ तीनों ही मिलकर गुरु अर्जन देव जी के पास आए | उन्होंने आकर प्रार्थना की कि हमें मौत से बहुत डर लगता है आप हमें जन्म मरण के दुख से बचाए | गुरु जी कहने लगे, आप गुरमुख
Friday, 14 February 2020
086 - मालिक कैसे हमारे गुनाह माफ़ कर देता है ?
एक बार अकाल पड़ गया। बरसात का नामों निशान नहीं था। हाहाकार मच गया। बच्चों से लेकर बुजुर्ग सभी पानी के बिना तड़पने लगे। सभी लोगों ने निश्चय किया कि वह सभी एक साथ मिलकर खुले मैदान में अल्लाह
Friday, 7 February 2020
रूहानी मार्ग की बातें - भारतीय रूहानियत चार सिद्धांतों पर काम करती हैं
भारतीय रूहानियत चार
सिद्धांतों पर काम करती हैं । हरेक मनुष्य जो आध्यात्मिक रास्ते पर चलना चाहता है उसे
ये सिद्धांत अपनाने चाहिए।
Friday, 31 January 2020
085 - संसार को राजी करना क्यों असंभव है ?
एक साधू किसी नदी के पनघट पर गया और पानी पीकर पत्थर पर सिर रखकर सो गया. पनघट पर पनिहारिन आती-जाती रहती हैं तो आईं तो
एक ने कहा - "आहा! साधु हो गया, फिर भी तकिए का मोह नहीं गया. पत्थर का ही सही, लेकिन रखा तो है।"Sunday, 26 January 2020
084 - चीजें हमेशा वैसी नहीं होतीं, जैसी दिखती हैं ?
सन्तों की अपनी ही मौज होती है! एक संत अपने शिष्य के साथ किसी अजनबी नगर में पहुंचे। रात हो चुकी थी और वे दोनों सिर छुपाने के लिए किसी आसरे की तलाश में थे। उन्होंने एक घर का दरवाजा खटखटाया, वह
Saturday, 18 January 2020
083 - गुरु की माहिमा को कोन जान सकता है ?
एक संत के पास 30 सेवक रहते थे । एक सेवक ने गुरुजी के आगे अरदास की महाराज जी मेरी बहन की शादी है तो आज एक महीना रह गया है तो मैं दस दिन के लिए वहां जाऊंगा । कृपा करें ! आप भी साथ चले तो अच्छी बात है । गुरु जी ने कहा बेटा देखो टाइम बताएगा । नहीं तो तेरे को तो हम जानें ही देंगे , उस सेवक
Friday, 10 January 2020
082 - मालिक की अनुभति का अनुभव कैसे होता है ?
एक भक्त था वह परमात्मा को बहुत मानता था, बड़े प्रेम और भाव से उनकी सेवा किया करता था । एक दिन भगवान से कहने लगा –
मैं आपकी इतनी भक्ति करता हूँ पर आज तक मुझे आपकी अनुभूति नहीं हुई । मैं चाहता हूँ कि आप भले ही मुझे दर्शन ना दे पर ऐसा कुछ कीजिये की मुझे ये अनुभव हो की आप हो ।
Thursday, 2 January 2020
रूहानी मार्ग की बातें - परमात्मा की नाराज़गी की सबसे बड़ी निशानी
1. परमात्मा जब किसी से नाराज़ होता है तो वह उसका रिज्क नहीं बन्द करता और न ही जीव को कोई दुख देता है और न ही सूर्य को आज्ञा देता है कि इसके आंगन को रोशनी नहीं देना बल्कि परमात्मा जब किसी से नाराज़
Sunday, 29 December 2019
Sunday, 22 December 2019
080 - भजन सिमरन का क्या महत्व है ?
संत हमे कहते है - परमात्मा एक है हमें सिर्फ उस एक की भक्ति करनी है . हमें अपना बर्तन साफ करना है. सतगुरु की खुशी हमें सिर्फ भजन और सिमरन से प्राप्त हो सकती है . असली काम भजन सिमरन है और
Friday, 13 December 2019
079 - सतगुरु हमे ऊपर के लोकों मे क्यों नहीं ले जाते ?
अक्सर कुछ लोग सोचते है कि सतगुरु से ज्ञान अर्थात नामदान लिये कई वर्ष हो गए, थोड़ा बहुत भजन सिमरन भी करते हैं, सत्संग मे भी जाते है, धार्मिक किताबे भी पढ़ते है, और गुरु घर कि सेवा भी करते हैं लेकिन अभी
Monday, 9 December 2019
078 - भजन सिमरन की अपॉइंटमेंट क्यों जरूरी है ?
Saturday, 30 November 2019
रूहानी मार्ग की बातें - सत्संग वह आईना है
- संत हमेशा यही चाहते है की उसका हर शिष्य पहले संतमत को उसके उपदेश को समझने के लिए अपने आप को पुरा वक्त दे क्यों की उसको बाद में सारी उम्र उस पर चलना है उसे अपनी सारी
Monday, 25 November 2019
077 - भजन सिमरन में तरक्की कैसे होती है ?
भजन सुमिरन में तरक्की हम अक्सर उदास, निराश हो जाते हैं। लेकिन बाबा जी हमेशा अपने सत्संगों में फरमाते हैं। कि संतमत में असफलता नाम की कोई चीज नहीं है।
Sunday, 17 November 2019
076 - गुरु नानक देव जी के अनमोल विचार
- गुरु नानक देव जी का मानना था कि भगवान एक है और वह हर जगह विघमान हैं।
- गुरु नानक देव जी कहते थे कि हमें हमेशा लोभ का त्याग करना चाहिए और मेहनत से धन कमाना चाहिए।
Saturday, 9 November 2019
075 - हमे देहधारी सतगुरु क्यों जरूरत होती है ?
"यदि परमात्मा की दया न होती तो हमें उससे बिछड़ने का दुख महसूस न होता और न ही वापस अपने असली घर जाने की इच्छा पैदा होती। उस कुलमालिक की कृपा के बिना न तो हमारा सतगुरु से मिलाप हो सकता है और न
Saturday, 2 November 2019
074 - कर्मो का खेल कैसे काम करता है ?
एक बार एक गरीब लकड़हारा सूखी लकडि़यों की तलाश में जंगल में भटक रहा था। साथ में बोझा ढोने के लिये उसका गधा भी था। लकडि़याँ बटोरते-बटोरते उसे पता ही नहीं चला कि दिन कब ढल गया। शाम का
Subscribe to:
Posts (Atom)
Popular Posts
-
Qus→ जीवन का उद्देश्य क्या है ? Ans→ जीवन का उद्देश्य उसी चेतना को जानना है – जो जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त है। उसे जानना ही मोक्ष ह...
-
मै बहादुर चंद (वकील) सुपुत्र श्री मनी राम जी बिश्नोई (सिहाग) माता श्रीमती मनोहरी देवी गाँव चौटाला तहसील मंडी डबवाली जिला सिरसा(ह...
-
सत्संग तो वो दर्पण है जो मनुष्य के चरित्र को दिखाता है मनुष्य के जीवन मे अशांति ,परेशानियां तब शुरु हो जाती है जब मनुष्य के जीवन मे ...
-
एक आदमी के घर भगवान और गुरु दोनो पहुंच गये। वह बाहर आया और चरणों में गिरने लगा। वह भगवान के चरणों में गिरा तो भगवान बोले – रुको रुको पह...
-
एक बार किसी ने कबीर जी से पूछा किसको भज रहे हो जी? कबीर जी ने कहा " राम जी को" फिर उसने पूछा "कौन से राम जी को ?
-
लाहौर में लाहौरी और शाहआलमी दरवाजों के बाहर कभी एक बाग़ था। वहाँ एक फ़क़ीर था। उसके दोनों बाज़ू नहीं थे। उस बाग़ में मच्छर भी बहु...
-
किसी व्यक्ति को बहुत जोरो की प्यास लगी हो वह प्यास के मारे तड़प रहा हो उसे पानी न मिल रहा हो अन्य तमाम प्रकार के पेय पदार्थ उसे पिलाये जा...
-
किसी गाँव में एक ताले की दुकान थी, ताले वाला रोजाना अनेकों ताले तोडा करता और अनेकों चाबियाँ भी बनाया करता था।ताले वाले की दुकान में एक बच्चा...
-
1. जो व्यक्ति लगातार अंदर सिमरन - अभ्यास करते रहने की आदत डाल लेता है , उसे बड़ा सुकून मिलता है और उसे लगातार सिमरन कर...
-
एक फकीर अरब मे हज के लिए पैदल निकला। रात हो जाने पर एक गांव मे शाकिर नामक व्यक्ति के दरवाजे पर रूका। शाकिर ने फकीर की खूब सेवा किया।...