अमृत वेले में उठने के लिए रात्रि सोने का रूटीन भी ठीक करने की जरुरत है.
महाराज जी ने नींद के विषय में फ़रमाया था “गुरुमुखों के लिए 4 घंटे की नींद काफी होती है, 6 घंटे वो सोये जो भारी भरकम काम करता हो.”, इन वचनों के हिसाब से 6 घंटे आखिरी सीमा है. बाकी अपने शरीर, परिश्रम और
गुरुबॉक्स चैनल महान संतों और उनकी शिक्षाओं को समर्पित है। गुरुबॉक्स का लक्ष्य लोगों को अधिक भजन और सिमरन/ध्यान के लिए प्रेरित करना है।
Friday, 3 July 2020
Friday, 26 June 2020
Saturday, 20 June 2020
101 - गुरु क्या है ?
गुरू वो मृदंग है, जिसके बजते ही अनाहद नाद सुनने शुरू हो जाते है.
Saturday, 13 June 2020
100 - सेवक ने पूछा भाई तुम कहाँ जा रहे हो ?
एक सेवक ने अपने गुरू को अरदास की, जी मैं सत्सँग भी सुनता हूँ, सेवा भी करता हूँ, मग़र फिर भी मुझे कोई फल नहीं मिला , सतगुरु ने प्यार से पूछा, बेटा तुम्हे क्या चाहिए ?
Saturday, 6 June 2020
099 - हमे सच्चे सन्त-महापुरुषों की संगति में क्यों जाना चाहिए ?
एक सेठ बड़ा साधु सेवी था। जो भी सन्त-महात्मा नगर में आते वह उन्हें अपने घर बुला कर उनकी सेवा करता। एक बार एक महात्मा जी सेठ के घर आये। सेठानी महात्मा जी को भोजन कराने लगी।
Friday, 29 May 2020
098 - रुह को अन्दर जानें में कोनसी रुकावट है ?
"कर नैनों दीदार महल में प्यारा है।" इस शब्द के द्वारा कबीर साहब नें अन्दर का भेद जितना खोला है उतना किसी भी संत ने नहीं खोला। इस पर सतसंग करते हुए महाराज सावन सिंह जी फरमाते हैं :
Sunday, 24 May 2020
रूहानी मार्ग की बातें - क्या हमें सचखंड जाने के लिए चार जन्म लेने पड़ते है ?
बाबा सावन सिंह जी कहते थे यह कोई जरूरी नहीं की सचखंड जाने की लिए चार जन्म लेने पड़ते है । हमने सत्संग में सगंत को समजाने के लिए कहा था। महाराज जी ने कहा कि चार बार जनम
Sunday, 17 May 2020
097 - हमे संतो से क्यों नहीं मांगना चाहिए ?
रामायण में बहुत अच्छी शिक्षा मिली . एक ऋषि राम जी को कोई वरदान मांगने के लिए बोलते है, पर राम जी उनसे क्षमा मांगते हुए बोलते
Friday, 8 May 2020
096 - असली संन्यासी कोन है ?
एक राजा की पुत्री के मन में वैराग्य की भावनाएं थीं. जब राजकुमारी विवाह योग्य हुई तो राजा को उसके विवाह के लिए योग्य वर नहीं मिल पा रहा था ।
राजा ने पुत्री की भावनाओं को समझते हुए बहुत सोच-विचार करके उसका विवाह एक गरीब संन्यासी से करवा
Friday, 1 May 2020
095 - हम कैसे विषय - विकारो में उलझ कर परमात्मा को भुलाए बैठे हैं ?
Friday, 24 April 2020
094 - महात्मा ने एक शिष्य को कैसे समझाया ?
Friday, 17 April 2020
Friday, 10 April 2020
093 - असली आराधना क्या है ?
एक बार श्री गुरु नानक देव जी के पास एक नवाब और काजी आये ! उन्होंने आकर गुरु जी से कहा - आप कहते है ना कि ना कोई हिन्दु और ना मुसलमान ; सब कुदरत के बन्दे हैं अगर आप यही मानते है कि ईश्वर
Friday, 3 April 2020
092 - संत कर्म-बंधन कैसे काटते हैं ?
एक बार दशम पातशाही श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी का दरबार सजा हुआ था। कर्म-फल के प्रसंग पर पावन वचन हो रहे थे कि जिसकी जो प्रारब्ध है उसे वही प्राप्त होता है कम या अधिक किसी को प्राप्त नहीं होता क्योंकि
Friday, 27 March 2020
091 - क्या वो सिमरन कर रहा है ?
सतगुरु का नूर और उनकी ताक़त अथाह और अंनत है । लेकिन अगर हम उनके नूर को देख नहीं पाते तो इसका कारण है कि हम उन्हें मनुष्य रूप समझते हैं । हीरे की असली क़ीमत जौहरी ही जानता है, केवल माँ ही
Friday, 20 March 2020
090 - हमे मुक्ति कैसे मिलेगी ?
जब आत्मा इस संसार में आती है, तो इसे हम जीव का जन्मदिन कहते हैं. पर वास्तव में वह आत्मा, स्थूल शरीर रूपी कब्र में कैद हो जाती है. इसलिए यह कहना ज्यादा उचित होगा, कि यह जीवात्मा का मौत का दिन है.
Saturday, 14 March 2020
रूहानी मार्ग की बातें - जीवन में सफलता मिल रही है अथवा नहीं ?
1. जीवन में सफलता मिल रही है अथवा नहीं ? इस बात का कैसे पता लगाया जाए ?
इस प्रश्न का उत्तर है कि - सबसे पहले तो यह समझ लें, कि सफलता है क्या ?
इस प्रश्न का उत्तर है कि - सबसे पहले तो यह समझ लें, कि सफलता है क्या ?
Saturday, 7 March 2020
089 - आज ही क्यों नहीं ?
एक बार की बात है कि एक शिष्य अपने गुरु का बहुत आदर-सम्मान किया करता था |गुरु भी अपने इस शिष्य से बहुत स्नेह करते थे लेकिन वह शिष्य अपने अध्ययन के प्रति आलसी और स्वभाव से दीर्घसूत्री था | सदा
Friday, 28 February 2020
088 - एक सत्संगी के कोन से चार रतन हैं ?
तुम्हारे लिए कोई कुछ भी कहे, तुम उसकी बात को कभी अपने मन में न बिठाना, और ना ही उसके लिए कभी प्रतिकार की भावना मन में रखना, बल्कि उसे माफ़ कर देना।
Friday, 21 February 2020
087 - गुरमुख और मनमुख में क्या अन्तर होता है ?
एक दिन कुला, भुला और भागीरथ तीनों ही मिलकर गुरु अर्जन देव जी के पास आए | उन्होंने आकर प्रार्थना की कि हमें मौत से बहुत डर लगता है आप हमें जन्म मरण के दुख से बचाए | गुरु जी कहने लगे, आप गुरमुख
Subscribe to:
Posts (Atom)
Popular Posts
-
Qus→ जीवन का उद्देश्य क्या है ? Ans→ जीवन का उद्देश्य उसी चेतना को जानना है – जो जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त है। उसे जानना ही मोक्ष ह...
-
मै बहादुर चंद (वकील) सुपुत्र श्री मनी राम जी बिश्नोई (सिहाग) माता श्रीमती मनोहरी देवी गाँव चौटाला तहसील मंडी डबवाली जिला सिरसा(ह...
-
सत्संग तो वो दर्पण है जो मनुष्य के चरित्र को दिखाता है मनुष्य के जीवन मे अशांति ,परेशानियां तब शुरु हो जाती है जब मनुष्य के जीवन मे ...
-
एक आदमी के घर भगवान और गुरु दोनो पहुंच गये। वह बाहर आया और चरणों में गिरने लगा। वह भगवान के चरणों में गिरा तो भगवान बोले – रुको रुको पह...
-
एक बार किसी ने कबीर जी से पूछा किसको भज रहे हो जी? कबीर जी ने कहा " राम जी को" फिर उसने पूछा "कौन से राम जी को ?
-
लाहौर में लाहौरी और शाहआलमी दरवाजों के बाहर कभी एक बाग़ था। वहाँ एक फ़क़ीर था। उसके दोनों बाज़ू नहीं थे। उस बाग़ में मच्छर भी बहु...
-
किसी व्यक्ति को बहुत जोरो की प्यास लगी हो वह प्यास के मारे तड़प रहा हो उसे पानी न मिल रहा हो अन्य तमाम प्रकार के पेय पदार्थ उसे पिलाये जा...
-
किसी गाँव में एक ताले की दुकान थी, ताले वाला रोजाना अनेकों ताले तोडा करता और अनेकों चाबियाँ भी बनाया करता था।ताले वाले की दुकान में एक बच्चा...
-
1. जो व्यक्ति लगातार अंदर सिमरन - अभ्यास करते रहने की आदत डाल लेता है , उसे बड़ा सुकून मिलता है और उसे लगातार सिमरन कर...
-
एक फकीर अरब मे हज के लिए पैदल निकला। रात हो जाने पर एक गांव मे शाकिर नामक व्यक्ति के दरवाजे पर रूका। शाकिर ने फकीर की खूब सेवा किया।...