Friday, 5 March 2021

133 - जीवन कितना है ?

एक बार गुरु नानकदेवजी ने बाले और मर्दाने से पूछा था -

 जीवन  कितना  है ?

Saturday, 27 February 2021

132 - सिमरन और ध्यान कैसे करना चाहिए ?

 कभी रात को नींद खुल जाए तो, बिस्तर पर पड़े हुए नींद न आने के लिए परेशान न होंए, इस सुनहरे मौके को मत गँवाओ, यह तो बड़ी शुभ घड़ी है। सारा जगत सोया है, पत्नी/पति,बच्चे सब सोए हैं,

Sunday, 21 February 2021

131 - जीव मन को वश में क्यों नहीं करता ?

संत मलूकदास जी चेतावनी देते हैं कि अज्ञानी लोग इंद्रियों के भोगों को सच्चे सुख का साधन समझने के भ्रम का शिकार है । ये सुख क्षणभंगुर है और जीव की शक्ति को नाश करने का कारण बन जाते

Sunday, 14 February 2021

130 - सेवा भाव से की गयी गलती की क्या सजा होती है ?

 एक बार एक राजा भोजन कर रहा था, अचानक खाना परोस रहे सेवक के हाथ से थोड़ी सी सब्जी राजा के कपड़ों पर छलक गई। राजा की त्यौरियां चढ़ गयीं। 

Thursday, 4 February 2021

129 - भजन सिमरन के बिना मुक्ति क्यों नहीं होती ?

एक बार 'नाम' का बीज सत्संगी को मिल जाता है, तो वह अवश्य अंकुरित होगा. अगर सत्संगी को नाम मिला हुआ हो, और भजन सुमिरन नहीं करता है, तो मालिक उसे दूसरा जन्म देंगे, और अगले

Friday, 15 January 2021

128 - भजन सिमरन में बैठने का सही तरीका क्या है ?

 जब मालिक के भजन सिमरन में बैठते है तो हमे अपनी पूरी सुरति उनके दिव्य दर्शन पर केंद्रित करनी चाहिए । हम भजन में बैठे कर, करबद्ध हो कर मालिक का नैन मूँद कर आवाहन करते है और वह आ

Monday, 4 January 2021

127 - सत्संगी के नए साल का क्या संकल्प होना चाहिए ?

बाहर वाले गुरु देखे , अब अपने अन्दर वाला सच्चा गुरु भी देख। 

Friday, 25 December 2020

126 - मन को वश में करने का क्या मतलब है ?

दुनिया की  शक्लों और पदार्थों से कौन प्यार किए बैठा है वह हमारा मन है। इसलिए अगर आत्मा और परमात्मा के दरमियान कोई रुकावट और पर्दा है तो वह केवल हमारे मन का पर्दा है।

Saturday, 19 December 2020

125 - सच्चा तीर्थ क्या होता है ?

बात बहुत पुरानी है. तब तीर्थ यात्रा आज की तरह वैचारिक न हो कर भावनात्मक हुआ करती थी पर कठिन भी बहुत होती थी. तब आज की तरह साधन तो थे नहीं. यात्रा पैदल या बैल गाड़ी से ही होती थी.

Tuesday, 15 December 2020

124 - मन में निम्रता कैसे आयेगी ?

मालिक  हमसे  ज्यादा  दूर  नहीं  जितना  हम  समझ  कर  बैठे  है।  मालिक  तो  हमेशा  हमारे  साथ  ही  है  लेकिन  हम  उसे  नहीं  देख  पाते  लेकिन  मालिक  हमें  चौबीस  घंटे  देख  रहा  हैं 

Sunday, 6 December 2020

123 - काल मन को कैसे जाल में फसाता है ?

एक सत्संग कर्ता ने काल और दयाल के बारे में समझाया, आखरी वाली लाइन बड़ी सुन्दर थी। जब रूह सत्संग में जाने लगती है, भजन सिमरन पर जोर देने लगती है नाम की कमाई करने लग जाती है तब

Sunday, 29 November 2020

122 - एक छोटे से बच्चे ने राजा को ज्ञान की बात समझाई ?

एक बार एक राजा नगर भ्रमण को गया, तो रास्ते में क्या देखता है कि एक छोटा सा बच्चा माटी के खिलौनों के कान में कुछ कहता है और फिर उन्हें तोड़कर माटी में मिला देता है।

Sunday, 22 November 2020

121 - एक सत्संगी के जीवन में प्रतीक्षा, परीक्षा और समीक्षा का क्या महत्व है ?

                                              

तीन बातें भक्त के जीवन में जरूर होनी चाहिएं ,  प्रतीक्षा, परीक्षा और समीक्षा। भक्ति के मार्ग में प्रतीक्षा बहुत

Friday, 13 November 2020

120 - प्रारब्ध कितने तरह के होते है ?


 
एक व्यक्ति हमेशा ईश्वर के नाम का जाप किया करता था । धीरे धीरे वह काफी बुजुर्ग हो चला था इसीलिए एक कमरे मे ही पड़ा रहता था । जब भी

Monday, 9 November 2020

Saturday, 31 October 2020

118 - सतगुरु पर विश्वास की ताकत क्या होती है ?

जब गुरु नानक देव जी किशोर अवस्था के थे, उन्हें उनके पिता ने फसलों की देखरेख के लिए खेत भेजा. वे खेत में जाकर प्रकृति के सौन्दर्य और गुरु ध्यान में लीन हो गए।

Monday, 26 October 2020

117 - एक सत्संगी का अंत समय कैसे होता है ?



परम संत सावन शाह महाराज जी ने समझाया है कि जो लोग जीते जी भजन सुमिरन करके पर्दा खोल लेते हैं , उनको 6 महीने पहले अपनी मौत की खबर हो जाती है और जो मामूली कमाई वाले हैं उनको सतगुरु 2 या 3 दिन पहले आकर बता देते हैं कि तुमको फलां वक्त ले चलेंगे ।

Monday, 19 October 2020

116 - आत्मा और परमात्मा में क्या अंतर है ?

आत्मा और परमात्मा में अंतर जानने से पहले हम उन के मूल स्वरुप को देखे और प्रकति क्या है ।

(1) इश्वर अज्ञात है - अगर हम कोई भी चीज जानते है तो उस का आकार निर्धारित हो जाता है .जिसका आकार है वो न तो निराकार है और न ही अनन्त .

Saturday, 10 October 2020

115 - नाम की कमाई का क्या महत्व है ?

एक गांव में एक नौजवान को परम संत तुलसी साहब का सत्संग सुनने का बड़ा शौक था . नौजवान को किसी से पता चला कि गांव के बाहर नदी के उस पार परम संत ने डेरा लगाया हुआ है और आज

Saturday, 3 October 2020

114 - मोन रहने की क्या महत्ता है ?

  एक मछलीमार कांटा डाले तालाब के किनारे बैठा था। काफी समय बाद भी कोई मछली कांटे में नहीं फँसी, ना ही कोई हलचल हुई तो वह सोचने लगा. 

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