एक साधु एक शिला (यानी पत्थर) पर बैठा तपस्या कर रहा था। उस साधू ने उस एक पत्थर पर 100 साल तपस्या की। एक दिन जब साधु तपस्या मे बैठा था तब आकाशवाणी हुई की हे साधु हम खुश हैं, मांगो क्या
गुरुबॉक्स चैनल महान संतों और उनकी शिक्षाओं को समर्पित है। गुरुबॉक्स का लक्ष्य लोगों को अधिक भजन और सिमरन/ध्यान के लिए प्रेरित करना है।
Saturday, 28 April 2018
Thursday, 19 April 2018
Friday, 13 April 2018
016 - गुरु और भगवान में क्या अंतर है
एक आदमी के घर भगवान और गुरु दोनो पहुंच गये। वह बाहर आया और चरणों में गिरने लगा। वह भगवान के चरणों में गिरा तो भगवान बोले– रुको रुको पहले गुरु के चरणों में जाओ। वह दौड़ कर गुरु के चरणों में गया।
Friday, 6 April 2018
015 - हमे कोन से महात्मा के दर्शन करने चाहिए ?
एक बार का ज़िक्र है, एक महात्मा ने कुछ भजन-बन्दगी की। एक दिन भजन-बंदगी के बाद उसने घोषणा की कि जो मेरे दर्शन करेगा वह सीधा स्वर्ग जायेगा। वह पालकी में बैठकर जा रहा था और स्वर्ग के इच्छुक बेशुमार
Sunday, 1 April 2018
014 - सतगुरु और परमात्मा में क्या फ़र्क है ?
सतगुरु की महिमा लग्गियाँ ने मौजां ! सदा लाई रक्खीं सोहनेयाँ !! चंगे हां या मंदे हां निभाई रक्खीं सोहनेयाँ !!
सतगुरु और परमात्मा एक ही है । गुरु परमेश्वर एको जान ।
नानक जी ने कितने साफ़ और सुन्दर लफ्जो में फ़रमाया की सतगुरु और परमात्मा एक ही है दोनों में कोई फर्क नही हैं। साथ में ये भी बताया की गुरु कौन सा ? दुनिया में बहुत सारे गुरुओं की भरमार हैं। बचपन में माँ बाप विद्यालय में शिक्षक और भी दुनिया में और भी
Thursday, 22 March 2018
013 - एक बहरे आदमी ने सत्संग से लाभ कैसे उठया ?
एक बहरे आदमी ने सत्संग से लाभ कैसे उठया ?
एक संत के पास बहरा आदमी सत्संग सुनने आता था। उसके कान तो थे पर वे नाड़ियों से जुड़े नहीं थे। एकदम बहरा, एक शब्द भी सुन नहीं सकता था। किसी ने संत श्री से कहाः "बाबा जी ! वे जो वृद्ध बैठे हैं, वे कथा सुनते सुनते हँसते तो हैं पर वे बहरे हैं।" बहरे मुख्यतः दो बार हँसते हैं – एक तो कथा सुनते-सुनते जब सभी हँसते हैं
Saturday, 10 March 2018
012 - अंतर में कुछ सुनाई या दिखाई क्यों नहीं देता है ?
1 - कोई लोग भजन में रस न मिलने की शिकायत करते हैं या यह कि अंतर में उनको कुछ नहीं खुला। इसका सबब यह है कि या तो उनका मन वक्त अभ्यास के संसारी चाहों या कामों की गुनावन या ख्याल में लगा रहता है या संसारी काम या उनकी गुनावन करके अभ्यास में बैठते है या उनको जो कुछ अंतर में सुनाई या दिखाई देता है, उसकी उनको पहिचान और कदर नहीं है।
Wednesday, 7 March 2018
011 - सतगुरु शिष्य की सम्भाल कैसे करते है ?
बड़े हजूर बाबा सावन सिंह जी महराज फरमाया करते थे कि , पूरन सतगुरु नाम दान के दिन से ही शिष्य की सम्भाल करने लगता है। वह एक तरह से शिष्य की साँस बन जाता है। वह फरमाया करते थे गुरु जब नाम देता है, तो शिष्य के अंदर ही बैठता है ।
Wednesday, 28 February 2018
010 - क्या आप नर्क की अग्नि से बचना है ?
Friday, 16 February 2018
009 - किस वजह से ये इंसान आज बहुत कुछ भुगत रहा ?
एक भक्त ईश्वर से: - "मुझे जीवन भर सुखशांति चाहिये।"
ईश्वर ने तुरंत हां कर दी।
भक्त......"मुझे परिवार का भी जिंदगी भर सुख चैन चाहिये"।
ईश्वर ने तुरंत हां कर दी।
फिर भक्त..."मुझे अपने रिश्तेदारों की भी सलामती चाहिये।"
ईश्ववर ने हां कर दी।
Friday, 9 February 2018
008 - हम सतगुरु की नाम रूपी कृपा ओर दया की कदर क्यों नहीं करते ?
एक बच्चा जब 13 साल का हुआ तो उसके पिता ने उसे एक पुराना कपड़ा देकर उसकी कीमत पूछी। बच्चा बोला 100 रु। तो पिता ने कहा कि इसे बेचकर दो सौ रु लेकर आओ। बच्चे ने उस कपड़े को अच्छे से साफ़ कर धोया और अच्छे से उस कपड़े को फोल्ड लगाकर रख दिया। अगले दिन उसे लेकर वह रेलवे स्टेशन गया, जहां कई घंटों की मेहनत के बाद वह कपड़ा दो सौ रु में बिका।
Wednesday, 31 January 2018
007 - सिमरन और ध्यान कैसे करना चाहिए ?
- कभी रात को नींद खुल जाए तो,बिस्तर पर पड़े हुए नींद न आने के लिए परेशान मत होओ, इस सुनहरे मौके को मत गँवाओ, यह तो बड़ी शुभ घड़ी है।
- सारा जगत सोया है,पत्नी-बच्चे, सब सोए हैं, प्रभु ने एक मौका दिया है।
- आराम से चुपचाप बैठ जाओ अपने बिस्तर में ही, रात के सन्नाटे में प्यार से पहले सिमरन करो फिर धुन को सुनो; ये बोलते हुए झींगुर, यह रात की ख़ामोशी, सारा सँसार सोया हुआ
Monday, 29 January 2018
006 - तभी हम तीसरे तिल पर कैसे पहुँचेंगे ?
जिस पल हम भजन-सुमिरन का अभ्यास शुरू करते हैं, उसी पल से संतों के बताए मार्ग पर चलना शुरू कर देते हैं। उसी पल से हमारी सारी धारणाएँ पीछे रह जाती हैं। और अनुभव होना शुरू हो जाता है।
Friday, 1 December 2017
005 - हमे गुरू की आवश्यकता क्यों है ?
उन्नीसवीं सदी से पहले हर किसी के लिए गुरू बनाना जरूरी समझा जाता था। जो गुरू ना धारण करे वो निगुरा होता और उसके हाथ से दान कोई नहीं लेता, निगुरे के हाथों कोई पानी नहीं पीता था।
कबीर जी राम नाम के सिमरन में तो लग गए परन्तु अभी तक उन्होंने भजन और विद्या का गुरू किसी को
Thursday, 23 November 2017
Saturday, 11 November 2017
003 - Meditation क्यों करना चाहिए ?
Meditation में क्या ताकत है? साधना का क्या महत्व है….?
जब 100 लोग एक साथ साधना करते है तो उत्पन्न लहरें 5 कि.मी.तक फैलती है और नकारात्मकता नष्ट कर सकारात्मकता का निर्माण करती है।
आईस्टांईन नें वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कहा था के एक अणु के विधटन से लगत के अणु का विधटन होता है,इसी को हम अणु विस्फोट कहते है। यही सुत्र हमारे ऋषि, मुनियों ने हमें हजारो साल पहले दिया था।
आज पृथ्वी पर केवल 4% लोंग ही ध्यान करते है लेकिन बचे 96% लोंगो को इसका पॉजिटिव इफेक्ट होता है। अगर हम भी लगातार 90 दिनो तक ध्यान करे तो इसका सकारात्मक प्रभाव हमारे और हमारे परिवार पर दिखाई देगा।
अगर पृथ्वी पर 10% लोंग ध्यान करनें लगे तो पृथ्वी पर विद्यमान लगभग सभी समस्याओं को नष्ट करने की ताकत ध्यान में है। उदारहण के लिए हम बात करे तो महर्षि महेश योगी जी ने सन् 1993 में वैज्ञानिकों के समक्ष यह सिद्ध
किया था।।
हुआ यू कि उन्होने वॉशिंगटन डि सी में 4000 अध्यापको को बुलाकर एक साथ ध्यान(मेडिटेशन) करने को कहा और चमत्कारीक परिणाम यह था कि शहर का क्राईम रिपोर्ट 50% तक कम हुवा पाया गया। वैज्ञानिकों को कारण समझ नहीं आया और उन्होनें इसे “महर्षि इफेक्ट” यह नाम दिया।
किया था।।
हुआ यू कि उन्होने वॉशिंगटन डि सी में 4000 अध्यापको को बुलाकर एक साथ ध्यान(मेडिटेशन) करने को कहा और चमत्कारीक परिणाम यह था कि शहर का क्राईम रिपोर्ट 50% तक कम हुवा पाया गया। वैज्ञानिकों को कारण समझ नहीं आया और उन्होनें इसे “महर्षि इफेक्ट” यह नाम दिया।
“जरुरत है ध्यान से स्वत: को खोजनें की”
002 - गुरु से गुरु की ही क्यों माँगना चाहिये ?
दुनिया के राज्य का मोल। गुरु से गुरु की ही मांग कीजिये , कियुंकी जब वह आपको यह बख्शिश कर देते है तो फिर उनके साथ ही सारी चीजे मिल जाती है ।
001 - आध्यात्मिक - प्रश्न और उत्तर
Qus→ जीवन का उद्देश्य क्या है ?
Ans→ जीवन का उद्देश्य उसी चेतना को जानना है – जो जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त है। उसे जानना ही मोक्ष है..!!
Qus→ जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त कौन है ?
Ans→ जिसने स्वयं को, उस आत्मा को जान लिया – वह जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त है..!!
Qus→संसार में दुःख क्यों है ?
Ans→लालच, स्वार्थ और भय ही संसार के दुःख का मुख्य कारण हैं..!!
Qus→ ईश्वर ने दुःख की रचना क्यों की ?
Ans→ ईश्वर ने संसार की रचना की और मनुष्य ने अपने विचार और कर्मों से दुःख और सुख की रचना की..!!
Qus→ क्या ईश्वर है ? कौन है वे ? क्या रुप है उनका ? क्या वह स्त्री है या पुरुष ?
Ans→ कारण के बिना कार्य नहीं। यह संसार उस कारण के अस्तित्व का प्रमाण है। तुम हो, इसलिए वे भी है – उस महान कारण को ही आध्यात्म में ‘ईश्वर‘ कहा गया है। वह न स्त्री है और ना ही पुरुष..!!
Qus→ भाग्य क्या है ?
Ans→हर क्रिया, हर कार्य का एक परिणाम है। परिणाम अच्छा भी हो सकता है, बुरा भी हो सकता है। यह परिणाम ही भाग्य है तथा आज का प्रयत्न ही कल का भाग्य है..!!
Qus→ इस जगत में सबसे बड़ा आश्चर्य क्या है ?
Ans→ रोज़ हजारों-लाखों लोग मरते हैं और उसे सभी देखते भी हैं, फिर भी सभी को अनंत-काल तक जीते रहने की इच्छा होती है..इससे बड़ा आश्चर्य ओर क्या हो सकता है..!!
Qus→किस चीज को गंवाकर मनुष्य धनी बनता है ?
Ans→ लोभ..!!
Qus→ कौन सा एकमात्र उपाय है जिससे जीवन सुखी हो जाता है?
Ans → अच्छा स्वभाव ही सुखी होने का उपाय है..!!
Qus → किस चीज़ के खो जाने पर दुःख नहीं होता ?
Ans → क्रोध..!!
Qus→ धर्म से बढ़कर संसार में और क्या है ?
Ans → दया..!!
Qus→क्या चीज़ दुसरो को नहीं देनी चाहिए ?
Ans→ तकलीफें, धोखा..!!
Qus→ क्या चीज़ है, जो दूसरों से कभी भी नहीं लेनी चाहिए ?
Ans→ इज़्ज़त, किसी की हाय..!!
Qus→ ऐसी चीज़ जो जीवों से सब कुछ करवा सकती है ?
Ans→मज़बूरी..!!
Qus→ दुनियां की अपराजित चीज़ ?
Ans→ सत्य..!!
Qus→ दुनियां में सबसे ज़्यादा बिकने वाली चीज़ ?
Ans→ झूठ..!!
Qus→ करने लायक सुकून का कार्य ?
Ans→ परोपकार..!!
Qus→ दुनियां की सबसे बुरी लत ?
Ans→ मोह..!!
Qus→ दुनियां का स्वर्णिम स्वप्न ?
Ans→ जिंदगी..!!
Qus→ दुनियां की अपरिवर्तनशील चीज़ ?
Ans→ मौत..!!
Qus→ ऐसी चीज़ जो स्वयं के भी समझ ना आये ?
Ans→ अपनी मूर्खता..!!
Qus→ दुनियां में कभी भी नष्ट/ नश्वर न होने वाली चीज़ ?
Ans→ आत्मा और ज्ञान..!!
Qus→ कभी न थमने वाली चीज़ ?
Ans→ समय
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1. जो व्यक्ति लगातार अंदर सिमरन - अभ्यास करते रहने की आदत डाल लेता है , उसे बड़ा सुकून मिलता है और उसे लगातार सिमरन कर...
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एक फकीर अरब मे हज के लिए पैदल निकला। रात हो जाने पर एक गांव मे शाकिर नामक व्यक्ति के दरवाजे पर रूका। शाकिर ने फकीर की खूब सेवा किया।...