हम सत्संगों में और संत महात्माओं के मुखाग्र से सुनते आते हैं, कि चलते-फिरते उठते-बैठते अपनी लिव नाम के सिमरन के साथ जोड़ के रखो ।
बहन या माँ किचन में हो या घर का काम काज करते हुए सिमरन करे। भाई दुकान या ऑफिस में भी अपने ख्याल को सिमरन के साथ जोड़ के रखें। लेकिन संत महात्मा ये भी कहते हैं कि ऐसे नाम का सिमरन