Thursday, 22 August 2019

066 - जीवन का एक अटल सत्य क्या है ?


एक चतुर व्यक्ति को काल से बहुत डर लगता था. एक दिन उसे चतुराई सूझी और काल को अपना मित्र बना लिया.

उसने अपने मित्र काल से कहा- मित्र, तुम किसी को भी नहीं छोड़ते हो, किसी दिन मुझे भी गाल में धर लोगो!काल ने कहा- ये मृत्यु लोक है. जो आया है उसे मरना ही है. सृष्टि का यह शाश्वत नियम है इस लिए मैं मजबूर हूं.

Friday, 16 August 2019

रूहानी मार्ग की बातें - भजन सिमरन करते रहने से ...

1. हम एक दूसरे के साथ कर्मों की डोरी से बँधे हुए हैं, हम अपने कर्मों के लेन-देन का हिसाब पूरा करने के लिए ही यहां आते हैं। संसार में कोई माँ-बाप और औलाद बनकर आ जाता है, कोई यार-दोस्त और रिश्तेदार बनकर आ जाता है। लेकिन जैसे-जैसे इस जन्म में प्रारब्ध कर्मों का का हिसाब-किताब ख़त्म हो जाता है, हम

Friday, 9 August 2019

065 - सेवा का लाभ कैसे होता है ?


हमारे कर्म कितने गहरे हैं यह हम नही जानते। कई ऐसे छोटे छोटे कर्म भी होते हैं जिनके भुगतान के लिये हमें दुबारा इस संसार में आना पड़े। पर सतगुरु नही चाहते कि हम यहां इन छोटे छोटे कर्मों की वजह से यहां आयें इसिलिये ही सतगुरु हमसे सेवा करवा कर इन कर्मों का भुगतान करवा देते हैं।

Saturday, 3 August 2019

064 - सत्संगी के पांच गोल्डन रूल्स क्या है ?




Rule -1 सिमरन तो करना ही पड़ेगा

एक बार बाबा सावन सिंह जी महाराज से एक सत्संगी ने पूछा कि हुज़ूर! आप अपने सत्संग में भजन सिमरन पर ही इतना जोर क्यों देते हैं? जबकि आप अच्छी तरह से जानते हैं कि हमसे भजन सिमरन नहीं होता। 

Thursday, 25 July 2019

063 - मरे हुए जिंदा आदमी के क्या लक्षण है ?

यदि भीतर की घड़ी, भीतर का समय विचार से भरा हो, वासना से भरा हो, कामना से भरा हो, तो व्यक्ति मरकर वापस लौट आता है। लेकिन भीतर का समय यदि बिलकुल शुद्ध हो, सिर्फ समय हो, कोई विचार नहीं, कोई कामना नहीं, कोई तृष्णा का सूत्र नहीं, शुद्ध क्षण हो समय का, जैसे निश्छल पानी हो, जरा भी कुछ और अशुद्धि 

Monday, 15 July 2019

062 - बच्चे से पूछा गया कि तुम्हारी आखिरी इच्छा क्या है ?

एक राजा बहुत दिनों से पुत्र की प्राप्ति के लिए आशा लगाए बैठा था लेकिन पुत्र नहीं हुआ, उसके सलाहकारों ने तांत्रिकों से सहयोग लेने को कहा - 

Thursday, 4 July 2019

रूहानी मार्ग की बातें - काश की मेरे ऊपर भी इतनी दया-महर हो जाये

1. जो व्यक्ति लगातार अंदर सिमरन-अभ्यास करते रहने की आदत डाल लेता है, उसे बड़ा सुकून मिलता है और उसे लगातार सिमरन करते रहने की इतनी जबरदस्त आवश्यकता महसूस होती है कि वो इसके बिना रह

Thursday, 27 June 2019

061 - सोचो कि यह शरीर मिला किस लिए है ?

     
लाहौर में लाहौरी और शाहआलमी दरवाजों के बाहर कभी एक बाग़ था। वहाँ एक फ़क़ीर था। उसके दोनों बाज़ू नहीं थे। उस बाग़ में मच्छर भी बहुत होते थे। मैंने कई बार  देखा उस फ़क़ीर को। आवाज़

Thursday, 20 June 2019

060 - रुह को अन्दर जानें में कोनसी रुकावट है ?


"कर नैनों दीदार महल में  प्यारा है."
इस शब्द के द्वारा कबीर साहब नें अन्दर का भेद जितना खोला है उतना किसी भी संत ने नहीं खोला. इस पर सतसंग करते हुये महIराज सावन सिंह जी फर्माते हैं  - 

Thursday, 13 June 2019

059 - एक सत्संगी को कुत्ते से क्या सीखना चाहिए ?



कुत्ते में 10 ऐसी बातें पाई जाती हैं जो इंसान में कम पाई जाती हैं इसलिए कुत्ता उस इंसान से हजार गुना अच्छा है जिसमें यह 10 बातें नहीं पाई जाती.

1. कुत्ता भूखा रहता है और भूखा रहना बजनी व्यक्ति का लक्षण है.

Thursday, 6 June 2019

058 - कभी सोचा है कि हमें किस किस चीज़ का हिसाब देना पड़ेगा ?

एक मुल्क का बादशाह बीमार हो गया, जब बादशाह ने देखा के उसके बचने की कोई उम्मीद नहीं तो उसने अपने मुल्क में ऐलान करवा दिया कि वो अपनी बादशाहत उस के नाम कर देगा जो उसके मरने के बाद

Saturday, 25 May 2019

रूहानी मार्ग की बातें - सारी परेशानियां खत्म हो जाएंगी

1. जो परमात्मा से जुड़े होते है, उन्हें ना तो ज़मीन जायदाद का और ना रिश्तों के छूटने का डर होता है I उन्हें तो वस एक परमात्मा सेे जुड़े रहने का नशा होता है .

Saturday, 18 May 2019

057 - संत कर्म-बंधन कैसे काटते हैं ?

एक बार दशम पातशाही श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी का दरबार सजा हुआ था। कर्म-फल के प्रसंग पर पावन वचन हो रहे थे कि जिसकी जो प्रारब्ध है उसे वही प्राप्त होता है कम या अधिक किसी को प्राप्त नहीं होता क्योंकि अपने किये हुये कर्मों का फल जीव को भुगतना ही पड़ता है।

Wednesday, 8 May 2019

056 - सबके कर्म और भाग्य अलग अलग क्यों ?

एक बार एक राजा ने विद्वान ज्योतिषियों और ज्योतिष प्रेमियों की सभा बुलाकर प्रश्न किया कि - मेरी जन्म पत्रिका के अनुसार मेरा राजा बनने का योग था मैं राजा बना , किन्तु उसी घड़ी मुहूर्त में अनेक जातकों ने जन्म लिया होगा जो राजा नहीं बन सके क्यों ? इसका क्या कारण है ?

Friday, 26 April 2019

055 - आत्मा की खुराक क्या है ?

किसी व्यक्ति को बहुत जोरो की प्यास लगी हो वह प्यास के मारे तड़प रहा हो उसे पानी न मिल रहा हो अन्य तमाम प्रकार के पेय पदार्थ उसे पिलाये जाये तो उसकी प्यास पूर्ण रूप  से समाप्त नही होगी । थोड़ी देर बाद वह फिर प्यास से तड़पने लगता है  जब कोई व्यक्ति कही से पानी लाकर उसे पिला देता है तो उसकी प्यास

Sunday, 14 April 2019

054 - दुनिया में किसी के बिना किसी का काम नहीं रुकता ?


एक घर के मुखिया को यह अभिमान हो गया कि उसके बिना उसके परिवार का काम नहीं चल सकता उसकी छोटी सी दुकान थी । उससे जो आय होती थी, उसी से उसके परिवार का गुजारा चलता था चूंकि कमाने वाला

Thursday, 4 April 2019

रूहानी मार्ग की बातें - जो करेगा, वो भरेगा

1. जो करेगा, वो भरेगा  - "कोई लाख अपने गुनाह छिपाये। उस रब  से कुछ नहीं छिपा सकते। जब उसकी मार पड़ती है तब अच्छे-अच्छों की अक्ल ठिकाने लग जाती है। तब उसे अपने गुनाह याद आने लग जाते हैं कि, मैंने किस के साथ क्या किया। इसलिए हमेशा एक बात याद रखिए -"जो करेगा, वो भरेगा। " हम सब उस

Monday, 1 April 2019

053 - पाप कहाँ कहाँ तक जाता है ?



एक बार एक ऋषि ने सोचा कि लोग गंगा में पाप धोने जाते है, तो इसका मतलब हुआ कि सारे पाप गंगा में समा गए और गंगा भी पापी हो गयी .

Thursday, 14 March 2019

052 - परमात्मा की प्राप्ति कैसे होती है ?

        
एक राजा था। वह बहुत न्याय प्रिय तथा प्रजा वत्सल एवं धार्मिक स्वभाव का था। वह नित्य अपने इष्ट देव को बडी श्रद्धा से पूजा-पाठ ओर याद करता था। एक दिन इष्ट देव ने प्रसन्न होकर उसे दर्शन दिये तथा कहा---"राजन् मैं तुमसे बहुत प्रसन्न हूं | बोलो तुम्हारी  कोई इचछा है ?"

Monday, 4 March 2019

051 - हमारे वर्तमान जीवन के अस्तित्व का आधार क्या है ?


 हमारे जीवन का आधार हमारी मन ,इंद्रियां या शरीर नही बल्कि आत्मा है । जो कि अमर अविनाशी अजन्मा है । हमारी आत्मा बिल्कुल परमात्मा की तरह ही ज्ञान ,शक्ति एवम आनंद रूप मानी जाती है । जिसे न आग जला सकती है, न पानी या अन्य चीजों से नष्ट हो सकती है । यह तो हुआ आत्मा का संक्षिप्त परिचय

Popular Posts