Friday, 27 March 2020

091 - क्या वो सिमरन कर रहा है ?

सतगुरु का नूर और उनकी ताक़त अथाह और अंनत है । लेकिन अगर हम उनके नूर को देख नहीं पाते तो इसका कारण है कि हम उन्हें मनुष्य रूप समझते हैं । हीरे की असली क़ीमत जौहरी ही जानता है, केवल माँ ही

Friday, 20 March 2020

090 - हमे मुक्ति कैसे मिलेगी ?


जब आत्मा इस संसार में आती है, तो इसे हम जीव का जन्मदिन कहते हैं. पर वास्तव में वह आत्मा, स्थूल शरीर रूपी कब्र में कैद हो जाती है. इसलिए यह कहना ज्यादा उचित होगा, कि यह जीवात्मा का मौत का दिन है.

Saturday, 14 March 2020

रूहानी मार्ग की बातें - जीवन में सफलता मिल रही है अथवा नहीं ?

1. जीवन में सफलता मिल रही है अथवा नहीं ? इस बात का कैसे पता लगाया जाए ? 
इस प्रश्न का उत्तर है कि -  सबसे पहले तो यह समझ लें, कि सफलता है क्या ? 

Saturday, 7 March 2020

089 - आज ही क्यों नहीं ?


एक बार की बात है कि एक शिष्य अपने गुरु का बहुत आदर-सम्मान किया करता था |गुरु भी अपने इस शिष्य से बहुत स्नेह करते थे लेकिन  वह शिष्य अपने अध्ययन के प्रति आलसी और स्वभाव से दीर्घसूत्री था | सदा

Friday, 28 February 2020

088 - एक सत्संगी के कोन से चार रतन हैं ?


1. पहला रत्न है :-  " माफी " 

तुम्हारे लिए कोई कुछ भी कहे, तुम उसकी बात को कभी अपने मन में न बिठाना, और ना ही उसके लिए कभी प्रतिकार की भावना मन में रखना, बल्कि उसे माफ़ कर देना। 

Friday, 21 February 2020

087 - गुरमुख और मनमुख में क्या अन्तर होता है ?


एक दिन कुला, भुला और भागीरथ तीनों ही मिलकर गुरु अर्जन देव जी के पास आए | उन्होंने आकर प्रार्थना की कि हमें मौत से बहुत डर लगता है आप हमें जन्म मरण के दुख से बचाए | गुरु जी कहने लगे, आप गुरमुख

Friday, 14 February 2020

086 - मालिक कैसे हमारे गुनाह माफ़ कर देता है ?


 एक बार अकाल पड़ गया। बरसात का नामों निशान नहीं था। हाहाकार मच गया। बच्चों से लेकर बुजुर्ग सभी पानी के बिना तड़पने लगे। सभी लोगों ने निश्चय किया कि वह सभी एक साथ मिलकर खुले मैदान में अल्लाह

Friday, 7 February 2020

रूहानी मार्ग की बातें - भारतीय रूहानियत चार सिद्धांतों पर काम करती हैं



भारतीय रूहानियत चार सिद्धांतों पर काम करती हैं । हरेक मनुष्य जो आध्यात्मिक रास्ते पर चलना चाहता है उसे ये सिद्धांत अपनाने चाहिए।

Friday, 31 January 2020

085 - संसार को राजी करना क्यों असंभव है ?


एक साधू किसी नदी के पनघट पर गया और पानी पीकर पत्थर पर सिर रखकर सो गया. पनघट पर पनिहारिन आती-जाती रहती हैं तो आईं तो 
एक ने कहा - "आहा! साधु हो गया, फिर भी तकिए का मोह नहीं गया. पत्थर का ही सही, लेकिन रखा तो है।"

Sunday, 26 January 2020

084 - चीजें हमेशा वैसी नहीं होतीं, जैसी दिखती हैं ?



सन्तों की अपनी ही मौज होती है! एक संत अपने शिष्य के साथ किसी अजनबी नगर में पहुंचे। रात हो चुकी थी और वे दोनों सिर छुपाने के लिए किसी आसरे की तलाश में थे। उन्होंने एक घर का दरवाजा खटखटाया, वह

Saturday, 18 January 2020

083 - गुरु की माहिमा को कोन जान सकता है ?



एक संत के पास 30 सेवक रहते थे ।  एक सेवक ने गुरुजी के आगे अरदास की महाराज जी मेरी बहन की शादी है तो आज एक महीना रह गया है तो मैं दस दिन के लिए वहां जाऊंगा ।  कृपा करें ! आप भी साथ चले तो अच्छी बात है ।  गुरु जी ने कहा बेटा देखो टाइम बताएगा ।  नहीं तो तेरे को तो हम जानें ही देंगे , उस सेवक

Friday, 10 January 2020

082 - मालिक की अनुभति का अनुभव कैसे होता है ?



एक भक्त था वह परमात्मा को बहुत मानता था, बड़े प्रेम और भाव से उनकी सेवा किया करता था । एक दिन भगवान से कहने लगा –

मैं आपकी इतनी भक्ति करता हूँ पर आज तक मुझे आपकी अनुभूति नहीं हुई । मैं चाहता हूँ कि आप भले ही मुझे दर्शन ना दे पर ऐसा कुछ कीजिये की मुझे ये अनुभव हो की आप हो ।

Thursday, 2 January 2020

रूहानी मार्ग की बातें - परमात्मा की नाराज़गी की सबसे बड़ी निशानी


1. परमात्मा जब किसी से नाराज़ होता है तो वह उसका रिज्क नहीं बन्द करता और न ही जीव को कोई दुख देता है और न ही सूर्य को आज्ञा देता है कि इसके आंगन को रोशनी नहीं देना बल्कि परमात्मा जब किसी से नाराज़

Sunday, 29 December 2019

081 - रावण यह पांच बातें करने से कैसे चूक गया ?


रावण बहुत शक्तिशाली व्यक्ति था. उसने तप करके बहुत सारी शक्तियां हासिल की हुई थी.  एक दिन मन में सोचा कि मेरे पास इतनी शक्तियां है तो दुनिया के सुख के लिए मैं कुछ करूं.  यह सोच कर उसने पांच बातों का

Sunday, 22 December 2019

080 - भजन सिमरन का क्या महत्व है ?

संत हमे कहते है - परमात्मा एक है हमें सिर्फ उस एक की भक्ति करनी है . हमें अपना बर्तन साफ करना है.  सतगुरु की खुशी हमें सिर्फ भजन और सिमरन से प्राप्त हो सकती है . असली काम भजन सिमरन है और

Friday, 13 December 2019

079 - सतगुरु हमे ऊपर के लोकों मे क्यों नहीं ले जाते ?

अक्सर कुछ लोग सोचते है कि सतगुरु से ज्ञान अर्थात नामदान लिये कई वर्ष हो गए, थोड़ा बहुत भजन सिमरन भी करते हैं, सत्संग मे भी जाते है, धार्मिक किताबे भी पढ़ते है, और गुरु घर कि सेवा भी करते हैं लेकिन अभी

Monday, 9 December 2019

078 - भजन सिमरन की अपॉइंटमेंट क्यों जरूरी है ?

अक्सर यह देखा जाता है कि जब हम किसी से मिलना चाहते हैं तो हम आमतौर पर समय तय करते हैं या मिलने के लिए अपॉइंटमेंट फिक्स करते हैं। इसके अलावा जब कोई हमसे मिलना चाहता है तो वे हमारी उपलब्धता के बारे में हमारी जांच करते हैं और अपोंटमेंट प्राप्त करते हैं। एक बार मीटिंग और समय तय होने

Saturday, 30 November 2019

रूहानी मार्ग की बातें - सत्संग वह आईना है

  1. संत हमेशा यही चाहते है की उसका हर शिष्‍य पहले संतमत को उसके उपदेश को समझने के लिए अपने आप को पुरा वक्‍त दे क्यों की उसको बाद में सारी उम्र उस पर चलना है उसे  अपनी सारी

Monday, 25 November 2019

077 - भजन सिमरन में तरक्की कैसे होती है ?


भजन सुमिरन में तरक्की  हम अक्सर उदास, निराश हो जाते हैं। लेकिन बाबा जी हमेशा अपने सत्संगों में फरमाते हैं। कि संतमत में असफलता नाम की कोई चीज नहीं है। 

Sunday, 17 November 2019

076 - गुरु नानक देव जी के अनमोल विचार


  • गुरु नानक देव जी का मानना था कि भगवान एक है और वह हर जगह विघमान हैं।
  • गुरु नानक देव जी कहते थे कि हमें हमेशा लोभ का त्याग करना चाहिए और मेहनत से धन कमाना चाहिए।

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