दुनिया की शक्लों और पदार्थों से कौन प्यार किए बैठा है वह हमारा मन है। इसलिए अगर आत्मा और परमात्मा के दरमियान कोई रुकावट और पर्दा है तो वह केवल हमारे मन का पर्दा है।
गुरुबॉक्स चैनल महान संतों और उनकी शिक्षाओं को समर्पित है। गुरुबॉक्स का लक्ष्य लोगों को अधिक भजन और सिमरन/ध्यान के लिए प्रेरित करना है।
दुनिया की शक्लों और पदार्थों से कौन प्यार किए बैठा है वह हमारा मन है। इसलिए अगर आत्मा और परमात्मा के दरमियान कोई रुकावट और पर्दा है तो वह केवल हमारे मन का पर्दा है।
मालिक हमसे ज्यादा दूर नहीं जितना हम समझ कर बैठे है। मालिक तो हमेशा हमारे साथ ही है लेकिन हम उसे नहीं देख पाते लेकिन मालिक हमें चौबीस घंटे देख रहा हैं
एक सत्संग कर्ता ने काल और दयाल के बारे में समझाया, आखरी वाली लाइन बड़ी सुन्दर थी। जब रूह सत्संग में जाने लगती है, भजन सिमरन पर जोर देने लगती है नाम की कमाई करने लग जाती है तब
एक बार एक राजा नगर भ्रमण को गया, तो रास्ते में क्या देखता है कि एक छोटा सा बच्चा माटी के खिलौनों के कान में कुछ कहता है और फिर उन्हें तोड़कर माटी में मिला देता है।
तीन बातें भक्त के जीवन में जरूर होनी चाहिएं , प्रतीक्षा, परीक्षा और समीक्षा। भक्ति के मार्ग में प्रतीक्षा बहुत
जब गुरु नानक देव जी किशोर अवस्था के थे, उन्हें उनके पिता ने फसलों की देखरेख के लिए खेत भेजा. वे खेत में जाकर प्रकृति के सौन्दर्य और गुरु ध्यान में लीन हो गए।
आत्मा और परमात्मा में अंतर जानने से पहले हम उन के मूल स्वरुप को देखे और प्रकति क्या है ।
एक गांव में एक नौजवान को परम संत तुलसी साहब का सत्संग सुनने का बड़ा शौक था . नौजवान को किसी से पता चला कि गांव के बाहर नदी के उस पार परम संत ने डेरा लगाया हुआ है और आज
एक बार एक गुरूजी, अपने शिष्यों को भक्ति का उपदेश देते हुए समझा रहे थे कि "बच्चों पक्के साधक बनो, कच्चे साधक ना बने रहो।
आज कल सभी के मन में एक ही प्रश्न - संगत कब शुरू होगी? जो भी मिल रहा है यही कहता है की संगत के बगैर बहुत बेचैनी हो रही है। मन नहीं लग रहा है। अजीब सी बैचैनी है जो पहले कभी नहीं
महात्मा बुध किसी गांव में 30 साल से सत्संग कर रहे थे, एक आदमी ने महात्मा बुध से सवाल किया कि आप इतने सालो में कितने आदमियों को सचखंड पहुंचा दिया है और सत्य का मिलन करवा दिया है .